Saturday, June 27, 2009

zindagi....!

जिंदगी जाने क्या-क्या रंग दिखाती है
कभी हंसती है तो कभी रुलाती है,
कभी इन आंखों को रंगीन खवाब दे जाती है
तो कभी हजारों खुशियाँ बन बिक्हर जाती है,
कभी किसी रंगीन एहसास सी लगती है
तो कभी-कभी संग अपने तूफ़ान भी ले आती है,
ये तूफ़ान जो सब कुछ बदल जाते हैं
अपने संग माजी की यादें भी दे जाते हैं,
कभी तो इंसान को जीने के लाखों मकसद दे जाती है
तो कभी-कभी हर मकसद कहीं ले जाती है,
जाने क्या-क्या ये जिंदगी करवाती है
कभी हंसती है तो कभी रुलाती है,
जिंदगी क्या-क्या खेल खिलाती है
कभी हंसती है तो कभी रुलाती है.......................!

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