Monday, August 31, 2009

प्रजातंत्र

"क्या होता जा रहा है आज हमारे प्रजातंत्र को"? ये देश के नेता जिनके हाथों में इस देश की कमान है, क्यों वो इस बात से अनजान है, की ये सब जनता उनको देखकर बहुत हैरान परेशान है....."

आज जहाँ ज़रूरत है एक बार फ़िर हमें एक साथ खड़े होने की तो ये लड़ रहे है " जिनाह- पटेल " के नाम पर। सब मसरूफ है "जसवंत सिंह" को गिराने- उठाने में, तो कोई लगा है "बीजेपी" की छवि सुधारने में। अरे ज़रा कोई ये पार्टी-नेता किताब-सरकार-स्वतंत्रता छोडकर ध्यान दे की देश की हालत क्या है। कहने को ये सब देश के रखवाले है पर क्या किसी को भी पता है की "स्विने फ्लू' क्या बाला है ?????

आई कहाँ से,कब,क्यों, और कितनो को अपना शिकार बना चुकी है... इन नेताओं में से किसी को भी ये पता है की हमारे देश में कितने केसेस है और कितनी जाने जा चुकी है ??? इन्हें पता है की हमारे देश में अभी तक "सुवैन फ्लू की दवाई" बुक तक नही की गई है...अमेरिका जिसकी नक़ल हम उतरने में कभी पीछे नही रहते उसने कितना स्टॉक करवा लिया है...??????

इस ही बात में हम उनकी नक़ल करने में पीछे क्यों रह गए॥??? आज जिन "जिनाह-पटेल" और "स्वतंत्रता" के लिए ये नेता लड़ रहे है उनसे जाके कोई कहे की वो तो मर चुके हैं लेकिन जो जिन्दा है उनकी तरफ़ भी ध्यान दे दिया जा सकता है....और रही बात "स्वतंत्रता" की तो वो तभी जिंदा रहेगी जब उसके नागरिक खुशाल और जिंदा रहेंगे...आवाज़ दी जाए "सोनिया-राहुल प्रियंका-वरुण" को, "राज ठाकरे-अमर सिंह" को, हमारे समाज और देश को उन नेताओं को जिन्हें बाकी सारे मामले याद होते हैं, चुनाव से लेकर बैंक बैलेंस, मन्दिर से लेकर स्कूलों तक, शादी में नाचने से लेकर महारास्त्र और दूसरे प्रदेश' के लोगों को अलग करने में...कहाँ है आज वो सब लोग....?????? ये सब जो चुनाव के वक्त हर छोटे-बड़े गाँव में होते हैं लेकिन आज शायद "सुवैन फ्लू' के डर से अपने अपने घरों में छुपकर बैठे हैं.....

अरे हमारे देश के कर्मठ नेताओं ख़ुद जागो और जगाओ....

हमारे यहाँ तुम्हें पार्लियामेन्ट में सामने सिर्फ़ एक दूसरे पैर इल्जाम लगाने के लिए ही नही बैठाया जाता पर जो काम सरकार करना भूल जाए उन्हें याद दिलाये की उन्हें ये भी करने की ज़रूरत है......

जब तक इनके आपसी झगडे निपटेंगे, तब तक इस देश का क्या होगा"????? कोई चिलाओ-चीखो और इन के कानों तक आवाज़ पहुँचाओ .....

आज ज़रूरत है हमारी "फिल्मी दुनिया" के उन चहेते सितारों को आगे आने की जो "शाहरुख़ खान" की चेक्किंग पर तो इन्तेर्विएव देने के लिए आगे आजाते हैं मगर जिसके लिए आगे आने की ज़रूरत है उसे दरकिनार केर बैठे हैं....

क्या यही हाल होगा हमारे देश का, या हालत और हालात दोनों और भी ख़राब होने अभी बाकी हैं ??????????

"सोचिये और जागिये"................................!!!