बात सदियों पुरानी है,जब हम अपने देश को "सोने की चिडिया' के नाम से जानते थे...पर आज वो ही चिडिया एक दिखावे मात्र क सिवाए कुछ नही रह गई है।
माना की हमारे देश ने अपनी आज़ादी के ६२ सालों में बहुत तरक्की की है, लेकिन इस तरक्की के साथ-साथ हमारी मानसिकताएं और प्राथमिकताएं, सब कुछ संकीर्ण हो चुकी हैं। पहले जहाँ हम कभी सिर्फ़ अपने लिए नही अपितु "संपूर्ण देश" के लिए सोचते थे, अब वह "संपूर्ण" सिर्फ़ "मैं" में बदल चुका है।
हम कहते हैं की आज भी हमारे आदर्श "महात्मा गाँधी", "जवाहरलाल नेहरू", "सुभाष चन्द्र बोस", "सरोजिनी नायडू", " इंदिरा गाँधी" आदि हैं लेकिन अपने ह्रदय से हम हम सभी को ज्ञात है की ये महज़ एक धोका है जो हम अपने आप को दे रहे हैं। हम बचपन से सुनते आए है की "हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई" सब आपस में भाई- भाई,
लेकिन १५१ साल पहले अंग्रेजों ने जिस धर्म के नाम पर राज किया था, समाज के चाँद ठेकेदारों ने कभी अपनी कुर्सी की खातिर तो कभी अपनी जेब गर्म करने के लिए, कभी अपने स्वार्थ के लिए तो कभी अपने नाम के लिए इसी फार्मूले को भुनाया;
लेकिन अब और नही इस वक्त हमारे देश को ज़रूरत है एक और "गाँधी" की जो हमारी नई पीढी का मार्गदर्शन करा सके तो एक और "भगत सिंह" और "राजगुरु" जैसे लोगों की जो ज़रूरत पड़ने पर हथियार उठाना सिखा सकें। मगर इन सब के लिए हमें किसी और का इंतज़ार नही करना है, बल्कि सब कुछ हमें ही करना होगा। हम में से ही किसी एक को "गाँधी" तो किसी एक "भगत सिंह" बनना होगा ताकि हम अपने देश को एक बार फिर इस समाज के उन चाँद ठेकेदारों से आजाद करा सके जो अपने स्वार्थ के लिए इस देश को बेचने से भी नही चूकेंगे।
आज ज़रूरत है इस देश की युवा पीढी को एक "नई रोशनी" की और इस "नई रौशनी" की मशाल को जलाये रखने की, जो हमारे साथ-साथ( हमारी युवा पीढी के साथ-साथ) हमारे देश को भी अपनी इस "नई रोशनी" से जगमगा दें।
तो आइये मिलते हैं हाथ से हाथ ऐसे की ये हाथ,ये सरगम,ये संगम कभी न टूटे...........!!!
कुछ मिला नहीं। क्या टिप्पणी दूँ?
ReplyDeleteसादर
श्यामल सुमन
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बहुत सुन्दर गूढ़ अभिव्यक्ति !
ReplyDeleteजिन्दगी ऐसी ही साफ़ सुथरी होनी चाहिए !
हार्दिक शुभकामनायें
आज की आवाज
Latika ji,
ReplyDeleteNai roshanee ...men to kuchh likha hee naheen apane.bakee donon rachanayen achchhee lageen.
shubhkamanayen.
Poonam
जिन्दगी ऐसी ही साफ़ सुथरी होनी चाहिए !
ReplyDeleteहार्दिक शुभकामनायें
kya bat hai ,bahut khoob u are welcome here
ReplyDeletehttp://gazalkbahane.blogspot.com/ http://katha-kavita.blogspot.com
shyam skha
क्या बात कही है बहुत खूब लगे रहो
ReplyDeleteno comment. narayan narayan
ReplyDeleteVichar to sundar hain parantu amal kathin
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